संस्थान की मुख्य सेवाएँ

कथा वाचन

भारतीय जनमानस के रोम रोम में बसने वाली भगवान श्री के चरित्रों की गाथा सुनाने को ही कथा वाचन का नाम दिया है। कथा वाचन से एक समय पर बहुतायत लोगो को लाभान्वित करने का कार्य महाराज श्री बहुत ही निष्ठा और समर्पण से करते है। धार्मिक एवं पौराणिक कथाओ के माधयम से महाराज श्री व्यक्तियों के चरित्र और स्वभाव को बेहतर बनाते है। भारत में अनेकानेक स्थानों पर आए दिन कथा के वाचन के आयोजन होते रहते हैं। ऐसी कथाओं के छोटे बड़े कार्यक्रम आयोजकों की क्षमता के आधार पर होते हैं, जिनमें सैंकड़ों से लेकर हजारों व लाखों लोग कथा सुनकर अपने जीवन को धन्य करते हैं।

अंक ज्योतिष

अंकों की सहायता से भविष्यवाणी करने के विज्ञान को अंक ज्योतिष कहते है। अंको की गणना कर भविष्य का पहले ही पता लगाया जा सकता है। अंक ज्योतिष के माध्यम से मनुष्य की भविष्य को जानने की इच्छा को भी पूरा किया जा सकता है। अंक ज्योतिष में महाराज श्री गणित के नियमों को व्यावहारिक रूप से उपयोग करके मनुष्य के अस्तित्व के अलग-अलग पहलुओं पर नजर डाल सकते हैं। वास्तव में अंक ज्योतिष में नवग्रह के आधार पर गणना की जाती है। इनमें से प्रत्येक ग्रह के लिए एक से लेकर 9 तक कोई एक अंक निर्धारित किया गया है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है। यह नवग्रह मनुष्य के जीवन पर गहरा असर डालते हैं।

वास्तु शास्त्र

वैदिक वास्तु शास्त्र भारत का एक पुराना विज्ञान है जो इमारतों को कैसे बनाया और डिज़ाइन किया जाता है, उससे संबंधित है। वास्तु विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष तरीकों का उपयोग करते हैं कि इमारतें लोगों के रहने या काम करने के लिए अच्छी हों। वे सभी के लिए एक अच्छी और स्वस्थ जगह बनाना चाहते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह एक घर है या एक बड़ा कार्यालय, वास्तु विशेषज्ञ इसे एक शानदार जगह बनाने में मदद कर सकते हैं। महाराज श्री वास्तु शास्त्र का प्रयोग कर श्रद्धालुओ की सहायता करते है।

जन्मपत्री

ज्योतिष शास्त्र एक विज्ञान है जिसकी मदद से महाराज श्री जन्मपत्री का अध्ययन करके मनुष्य के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर नवग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है इससे अवगत कराते हैं। यह एक ऐसा विज्ञान है जिसमें सितारों की चाल और उनके संबंध एवं मनुष्य पर उसका असर का अध्ययन किया जाता है। जैसे कि एक व्यक्ति जन्म लेता है, एक निश्चित तारीख, समय व स्थान पर, तो उसे समय ग्रह की स्थिति का क्या असर पड़ता है, इससे उसका स्वभाव, शरीर की बनावट, रहन-सहन का तरीका, दृष्टिकोण, करियर और धन जैसी इत्यादि सभी चीज प्रभावित होती है। महाराज श्री सही उपाय को करने का सही तरीका बताते हैं और निवारण में भी मदद करते हैं, साथ ही सही मार्गदर्शन के द्वारा हमें अपनी कठिनाइयों पर विजय होने का मौका भी प्रदान करते हैं।

द्वारिकाधीश गौ सेवा संस्थान

द्वारिकाधीश गौ सेवा संस्थान एक ऐसी संस्था है, जो गौ सेवा, संत सेवा, वृद्ध सेवा, अनाथ सेवा हेतु सलग्न है। जो की विगत 8 वर्षों से अलग-अलग गौशालाओं में अपनी सेवा प्रदान करती है। और महाराज श्री के द्वारा समय-समय पर कंबल वितरण की सेवा व भोजन की सेवा भी की जाती है। गौ सेवा हेतु महाराज श्री समर्पित रहते हैं। महाराज श्री भागवत कथा से प्राप्त सेवा राशि, पराम्बा शक्ति पीठ से प्राप्त सेवा राशि का सदुपयोग गौ सेवा और असहाय सेवा हेतु करते हैं। द्वारिकाधीश गौ सेवा संस्थान के निर्माण का कार्य भी प्रारंभ है।

पराम्बा शक्तिपीठ

पराम्बा शक्तिपीठ के सिद्ध साधक नागेश्वर जी महाराज ने यहां वट वृक्ष एवं पीपल वृक्ष के नीचे सद्गुरुदेव भगवान के सानिध्य में लगभग 10 वर्षों तक निरंतर साधना की और महाराज श्री भगवती की कृपा से सभी भक्तों की समस्त समस्याओं का समाधान यहां यज्ञ के माध्यम से करते हैं। यह पीठ चौमुहाँ धाम में स्थित है जहां ब्रह्मा जी का अति प्राचीन मंदिर है। भागवत महापुराण के अनुसार यहां पर ब्रह्मलोक से ब्रह्मा जी पृथ्वी पर उतरे थे और भगवान कृष्ण से क्षमा याचना की थी। यहां पर प्राचीन वट वृक्ष में अपनी मन्नत का धागा बांधने का और नारियल चढ़ाने का भी विधान है। यहां यज्ञ में सम्मिलित होकर सभी भक्त अपनी समस्याओं से, कष्टों से निजात पाते हैं। पराम्बा शक्तिपीठ में मंदिर का काम निर्माणाधीन है। जिसमें आप भी अपना सहयोग करके पुण्य कार्य में सम्मिलित हो सकते हैं।